पेट्रोल डीजल की आड़ में ये राज्य जनता से कर रहे धोखा! महंगाई के बोझ से दबे लोगों से वसूल रहे मनमाना टैक्स

Petrol Diesel
Highlights
- महाराष्ट्र को वैट की कमाई से जहां 3400 करोड़ का अतिरिक्त रेवेन्यू मिल रहा है
- कर्नाटक को वैट कटौती से 5300 करोड़ से अधिक का वहीं यूपी को 2800 करोड़ से अधिक का नुकसान
- पेट्रोल डीजल पर मनमाना टैक्स वसूल रहे कुछ राज्यों से PM ने फिर से गुजारिश की
नई दिल्ली। आसमान छूती महंगाई से आम जनता का हाल बेहाल है। घर के चूल्हे का बजट संभालना मुश्किल हो रहा है। लेकिन इस संकट के दौर में भी राज्यों को कहां जनता की फिक्र है? वे अपनी कमाई बढ़ाने के लिए जनता से मनमाना टैक्स वसूल रहे हैं। जी हां, आपने सही सुना! आज इसकी चिंता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जताई है।
पेट्रोल डीजल पर मनमाना टैक्स वसूल रहे कुछ राज्यों से उन्होंने फिर से गुजारिश की है कि वे जनता के मर्म को समझते हुए ईंधन पर वसूल रहे वैट में कटौती करें। अब आगे देखना है कि क्या प्रधानमंत्री की इस अपील को सुनते हुए कोरोना महामारी से घटी आय और बढ़ी महंगाई से त्रस्त जनता को राहत देने के लिए कदम उठाते हैं या नहीं।
जनता का खून चूस कर राज्य कर रहे कमाई
महंगाई चरम पर है, पेट्रोल डीजल और गैस से लेकर आटा और तेल तक की कीमतें आसमान छू रही हैं। बीते साल नवंबर में केंद्र की एक्साइज ड्यूटी में कटौती के बाद कुछ राज्यों ने वैट में कटौती की थी। लेकिन राज्य महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्य जनता पर टैक्स का बोझ लादते जा रहे हैं। देश के करीब 9 राज्यों की वैट से हो रही आय आसमान छू रही है। महाराष्ट्र को वैट की कमाई से जहां 3400 करोड़ का अतिरिक्त रेवेन्यू मिल रहा है, वहीं तमिलनाडु जनता पर बोझ लाद करीब 3000 करोड़ की अतिरिक्त कमाई कर रहा है।
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इन राज्यों को तगड़ा घाटा लेकिन जनता को फायदा
कोरोना संकट के बाद राज्यों का खर्च बहुत बढ़ गया है। मुफ्त राशन और वैक्सीन के साथ इलाज के खर्च ने राज्यों का खजाना खाली कर दिया है। लेकिन फिर भी उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्य जनता को महंगाई की मार से बचाने के लिए भारी भरकम बोझ को सह रहे हैं। 4 नवंबर को वैट घटाने की शुरुआत के बाद सबसे तगड़ा झटका कर्नाटक, गुजरात और यूपी जैसे राज्यों को लगा है। कर्नाटक को वैट कटौती से 5300 करोड़ से अधिक का वहीं यूपी को 2800 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।
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